This Hindi Poem highlights the sadness of a Lover when He was going to separate from His Beloved ,but as His beloved is quite sensible in this matter so she suggested Him not to become sad as whenever He needs Her ,He can get her back in His thoughts.
मत हो उदास …………मैं हूँ तेरे आस -पास ,
चलो इन …… उदासी भरे लम्हों को ,
बनाएँ मिलकर …………. कुछ ख़ास ।
चलो इन …… उदासी भरे लम्हों को ,
बनाएँ मिलकर …………. कुछ ख़ास ।
क्या हुआ जो फिर से हमें ……… बिछड़ना होगा ,
क्या हुआ जो फिर से हमें ……… सम्भलना होगा ,
यही तो लिखा किस्मत में जब ………… तो फिर क्यूँ हों उदास ,
चलो इन …… उदासी भरे लम्हों को ,
बनाएँ मिलकर …………. कुछ ख़ास ।
क्या हुआ जो फिर से हमें ……… सम्भलना होगा ,
यही तो लिखा किस्मत में जब ………… तो फिर क्यूँ हों उदास ,
चलो इन …… उदासी भरे लम्हों को ,
बनाएँ मिलकर …………. कुछ ख़ास ।
मत हो उदास …………मैं हूँ तेरे आस -पास ,
मत हो उदास …………मैं हूँ तेरे आस -पास ।
मत हो उदास …………मैं हूँ तेरे आस -पास ।
दूर जाकर जब कभी भी चाहो सनम ……… हमको बुला तुम लेना ,
दूर जाकर जब कभी भी चाहो सनम ……… हमपर भरोसा करना ,
हम दौड़े आएँगे लिपट कर ………. देखो फिर तुम्हारे ही पास ,
चलो इन …… उदासी भरे लम्हों को ,
बनाएँ मिलकर …………. कुछ ख़ास ।
दूर जाकर जब कभी भी चाहो सनम ……… हमपर भरोसा करना ,
हम दौड़े आएँगे लिपट कर ………. देखो फिर तुम्हारे ही पास ,
चलो इन …… उदासी भरे लम्हों को ,
बनाएँ मिलकर …………. कुछ ख़ास ।
मत हो उदास …………मैं हूँ तेरे आस -पास ,
मत हो उदास …………मैं हूँ तेरे आस -पास ।
मत हो उदास …………मैं हूँ तेरे आस -पास ।
याद करते हैं बहुत ……… हम भी तुमको जाना ,
पर क्या करें जब बस में नहीं ……… हमारा ये ठिकाना ,
हम भी हो जाएँगे उदास ………. गर तुम होगे उदास ,
चलो इन …… उदासी भरे लम्हों को ,
बनाएँ मिलकर …………. कुछ ख़ास ।
पर क्या करें जब बस में नहीं ……… हमारा ये ठिकाना ,
हम भी हो जाएँगे उदास ………. गर तुम होगे उदास ,
चलो इन …… उदासी भरे लम्हों को ,
बनाएँ मिलकर …………. कुछ ख़ास ।
मत हो उदास …………मैं हूँ तेरे आस -पास ,
मत हो उदास …………मैं हूँ तेरे आस -पास ।
मत हो उदास …………मैं हूँ तेरे आस -पास ।
ख़ास लम्हों की ये यादें ……… दिल में अपने सँजो लेना ,
भूल से भी फिर जो याद आएँ ……… तो उस याद को रोक लेना ,
यही तो वो लम्हें हैं ………. जिनमें डूब जाएँ चलो एक-साथ ,
चलो इन …… उदासी भरे लम्हों को ,
बनाएँ मिलकर …………. कुछ ख़ास ।
भूल से भी फिर जो याद आएँ ……… तो उस याद को रोक लेना ,
यही तो वो लम्हें हैं ………. जिनमें डूब जाएँ चलो एक-साथ ,
चलो इन …… उदासी भरे लम्हों को ,
बनाएँ मिलकर …………. कुछ ख़ास ।
मत हो उदास …………मैं हूँ तेरे आस -पास ,
मत हो उदास …………मैं हूँ तेरे आस -पास ।
मत हो उदास …………मैं हूँ तेरे आस -पास ।
धड़कनों में दिल की अपने ……… क़ैद हमको कर लो ,
जितना चाहो उतना हमको ……… जी भर के आज चख लो ,
पता नहीं फिर कब तुमसे ………. होगी अपनी ये मुलाक़ात ,
चलो इन …… उदासी भरे लम्हों को ,
बनाएँ मिलकर …………. कुछ ख़ास ।
जितना चाहो उतना हमको ……… जी भर के आज चख लो ,
पता नहीं फिर कब तुमसे ………. होगी अपनी ये मुलाक़ात ,
चलो इन …… उदासी भरे लम्हों को ,
बनाएँ मिलकर …………. कुछ ख़ास ।
मत हो उदास …………मैं हूँ तेरे आस -पास ,
मत हो उदास …………मैं हूँ तेरे आस -पास ।
मत हो उदास …………मैं हूँ तेरे आस -पास ।
मैं रहूँगी हर दम तुम संग ……… जब भी होगे तुम उदास ,
मन की आँखों से जो ढूँढो ……… तो बुझेगी हर पल ये प्यास ,
तब मूँद पलकें अपनी दोनों ………. याद करना अपना ये रास ,
चलो इन …… उदासी भरे लम्हों को ,
बनाएँ मिलकर …………. कुछ ख़ास ।
मन की आँखों से जो ढूँढो ……… तो बुझेगी हर पल ये प्यास ,
तब मूँद पलकें अपनी दोनों ………. याद करना अपना ये रास ,
चलो इन …… उदासी भरे लम्हों को ,
बनाएँ मिलकर …………. कुछ ख़ास ।
मत हो उदास …………मैं हूँ तेरे आस -पास ,
मत हो उदास …………मैं हूँ तेरे आस -पास ।।
मत हो उदास …………मैं हूँ तेरे आस -पास ।।
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