बना कर उसे “Writer” ….. वो खुद Editing करने लगा ,
जला कर उसमें एक अगन …..वो उसको Update करने लगा ।
शायद ही होगा कोई ऐसा ….Editor और Writer का फ़साना ,
जब Writer लिखे सिर्फ …..Editing की चाह में कोई तराना ।
Editor की पूछो मत …..सब contents उसने उसके “Editor’s Pick” में रखे ,
बदनामी के डर से ना जाने …..कितने नए नाम उसके रचे ।
धीरे-धीरे से मोहब्बत उनकी …….और भी जवान हुई ,
Writer ने वो सब लिखा …….जिसे पढ़कर आम जनता भी हैरान हुई ।
किस्सा ये और भी …….अब मस्त सा होने लगा ,
बिना एक-दूसरे को देखे ही …….”Editor” “Writer ” पे फ़िदा होने लगा ।
Writer के हर शब्द का …….Editor दीवाना था ,
और Editor की Editing पर ………Writer का दिल मस्ताना था ।
वो Online में लिखते,Editing करते ……और Comments पढ़कर मुस्कुराते ,
कौन जाने की ये Comments ……..दो आत्मायों के मिलन से वो पाते ।
हर Writing में उनकी …….एक खूबसूरत सा बहाना था ,
Editor और Writer की सोच का ……एक नया ज़माना था ।
जिस दिन Writer को अपने Editor का ……..साथ न मिलता ,
उस दिन Writer की Writing में …….वो प्यार भरा फूल न खिलता ।
Editing करते-करते एक दिन ……..Editor का Mood बदल गया ,
और वो Editing में ही भूल से …….अपने इश्क का फरमान पढ़ गया ।
सुबह “Publish ” होने पर ……जिसने भी उस फरमान पर गौर फरमाया ,
हर Comments में Editor और Writer के साथ की Demand से ……Webpage पर Request आया ।
दोनों ही मजबूर हो …….एक दूसरे से ……मिलने के लिए आए ,
साथ में Discussion करने को …….अपने Published Contents का एक Folder बना लाए ।
हाथों में हाथ थामे ……दोनों एक साथ ….अकेले में सब पढने लगे ,
और पढ़ते-पढ़ते Contents न जाने ……कब Editor अपनी Editing की Habit से फिसलने लगे ।
लेकिन इस बार Editing ….Contents की नहीं ….खुद Writer की हो रही थी ,
हर Editing से पहले Demand ……कुछ नए Contents पेश करने की हो रही थी ।
Writer ने भी हर तरह से ……अपने New Written Contents का नमूना दिया ,
और इस तरह Editor और Writer ने ……. अपनी लाइफ के एक New Chapter को मिलकर पूरा किया ।
आज भी दोनों ….अपनी Writing और Editing …….एक साथ करते हैं ,
बस कल उनमें एक ख्वाब होते थे …..और आज उनमें उनके साथ …….उनके नन्हे “Edwriter” भी होते हैं ।।
No comments:
Post a Comment