इस बार की होली ….. हम कुछ इस तरह मनाएँगे ,
कि रंग धुल जाएगा …..मगर उसके निशान हर युग में नज़र आएँगे ।
इस बार होली पर हम ……बुजुर्गों के चेहरे पर हँसी लौटाएँगे ,
और जब वो हँस कर अपना दर्द भुलाएँगे ….तब हम उनकी हँसी का रंग लगाएँगे ।
इस बार होली पर हम ……महिलायों की सुरक्षा का बीड़ा उठाएँगे ,
और जब वो निर्भय बन कदम बदाएँगी ….तब हम उनके क़दमों में गुलाल लगाएँगे ।
इस बार होली पर हम ……बाल मजदूरी को जड़ से हटाएँगे ,
और जब वो “नन्हे” पिचकारी चलाएँगे ….तब हम उनके पानी से खुद को भिगाएँगे ।
इस बार होली पर हम ……”नशा” करने वालों को सबक सिखाएँगे ,
और जब वो नशे को ठुकराएंगे ….तब हम उन्हें मेवे का हार पहनाएँगे ।
इस बार होली पर हम ……दूसरे देशों से संबंध बनाएँगे ,
और जब वो हमारे साथ त्यौहार मनाएँगे ….तब हम उन्हें Internet पर गले लगाना सिखाएँगे ।
इस बार होली पर हम ……”आतंकवाद” को हराएँगे ,
और जब वो हमसे डर कर भागेगा ….तब हम “होलिका” जलाएँगे ।
इस बार होली पर हम ……”पर्यावरण” को बचाएँगे ,
और जब “पर्यावरण” में खुशहाली आएगी ….तब हम प्राकृतिक रंगों को अपने गालों पर सजाएँगे ।
इस बार होली पर हम ……अपने देश को “साक्षर” बनाएँगे ,
और जब शिक्षा हमें समृद्ध बनाएगी ….तब हम उस समृद्धि से अपना दामन भिगाएँगे ।
इस बार होली पर हम ……”भ्रष्टाचार” मिटाएँगे ,
और जब भ्रष्ट व्यक्ति आत्मग्लानि से गलने लग जाएँगे ….तब हम उन्हें “होली” का महत्व समझाएँगे ।
इस बार होली पर हम ……”अच्छाई” को जीत लाएँगे ,
और जब बुराई रूठ कर जाने लगेगी ….तब हम उस पर रंग भरे गुब्बारे बरसाएँगे ।
इस बार होली पर हम ……हर वो रंग जीवन में लाएँगे ,
कि जो भी उस रंग को लगाएगा ….उसे उसे रंग के हजार छोटे-छोटे कण नज़र आएँगे ।।
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