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Saturday, February 28, 2015

Beggars Free


sun-ray-clouds
Poem on Indian Social Issue of Beggars – Beggars Free

भीख मांगते हुए  उन लोगों पर ……
अब न गुस्सा आता है न प्यार ,
बस एक प्रश्नचिन्ह लग जाता है ….
कि क्यूँ बेबस सी है हमारी सरकार ?

लालबत्ती पर गाड़ी रुकते ही ….
भिखारियों के मासूम चेहरे होते हैं ,
उसी “Incredible India ” में …..
जहाँ आने के लिए Tourist सपने संजोते हैं ।

सड़क के दोनों तरफ Posters में लिखा होता है ,
की “भिक्षावृति को मत दो बढावा “………
उसके बाद भी भिक्षा पाने के लिए ,
कितने भिखारी वहीँ पर जमा होते हैं ।

कसूर आम नागरिक का है ….
जो उन पर तरस करता है,
या उस “System ” का है …..
जो उन्हें नागरिकों के आगे करता है ।

बात चलती है जब किसी “Crime ” की …..
तो सबसे पहले भिखारियों में …. Criminal की खोज होती  है ,
मगर फिर भी उन भिखारियों की ……
सरे आम Road पर Free Entry होती है ।

कोई बन जाता है किस्मत का मारा …..
किसी को भिखारी बनने के शौक ने सँवारा ,
किसी को मेहनत न करने की आदत होती है ,
और किसी को Sexual भेष बदल …… पुरुषों की चाहत होती है।

Patrolling कर रहे सरकारी कर्मचारी ……
सिर्फ Traffic की Tension लेते हैं ,
Beggers ” कुछ भी “Choose ” करें ……
वो आँखें मूँद लेते हैं ।

Green City ……..Clean City ……
लेकिन Clean करो उसे Beggers हटाकर ,
हर मंगलवार को डरते हैं बच्चे ……
जब भी प्रसाद चदाते हैं मंदिर में जाकर ।

काम यदि भिखारियों को भी,करने को मिल जाए ……
तो वो भी सीखें खुद से ……कमाकर के जीना ,
थोडा या ज्यादा कैसा भी हो ……
सिख ही देगा उनको ……तूफानों से लड़ना ।

सरकार दे गर उन्हें रोज़गार ……
तो उनकी भी हो जाए नईया पार ,
नागरिको से भिक्षा न देने की …….. गर न करे Appeal ,
तो सँवर जाए देश …..With A New Zeal .

उस सवालिया निशान को हटाने की गुहार …..
में करती हूँ तुमसे …..हाँ Rajya सरकार ,
जिस “Incredible India ” की दुहाई हो देते …..
उसमे लगा दो… . चार -चाँद ,India को Beggers -Free करके।

A Message To Beggers -
इस मनुष्य की योनि को, यूँ न बिगाड़ो ….
भिखारी बनके न अपने जीवन को तारो ,
नयी सोच को समझकर ,उसको जीवन में उतारो ….
भिखारी के Label से मत …….नाम अपना सँवारो ।।

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