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Tuesday, June 9, 2015

Tere Darwaaze Par



This Hindi poem highlights the Love of a beloved in which She again and again went towards the door of Her Lover to knock but every time she found that closed. Later She described that His Lover had an innocent heart and She went there to judge His innocent nature.
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Hindi Love Poem – Tere Darwaaze Par
बार-बार तेरे दरवाज़े पर हम ………… कल रात फिर दस्तक देने आए  ,
अपने दिल को सँभाल कर तेरे  ……… दिल की किताब को पढ़ने आए ।
तेरा दरवाज़ा बंद पाया तो  ……… गश खा कर वहीँ लड़खड़ाए ,
बिन गिरे ही तेरे दरवाज़े पर हम  ……… तेरे ख्यालों के नशे में डूब आए ।
बार-बार तेरे दरवाज़े पर हम ………… कल रात फिर दस्तक देने आए   ……….

बहुत उम्मीद थी इस दिल को कल रात ………… कि तू हमें फिर वहीँ मिलेगा  ,
थोड़े गम के लफ्ज़ तब तुझसे कहेंगे ……… तो थोड़े ख़ुशी के पल भी मेरे सुनेगा  ।
मगर तेरे दरवाज़े पर ……… ना कोई गीत हमने गुनगुनाए ,
ढेरों सवालों को मन में अपने  ……… दफ़्न करके हम चले आए ।
बार-बार तेरे दरवाज़े पर हम ………… कल रात फिर दस्तक देने आए   ……….

दरअसल तेरा दरवाज़ा कई दिनों से ………… हमारी नींद उड़ा रहा था   ,
हम जब भी पीटते थे उसे  ……… वो बंद ही नज़र आ रहा था ।
एक ख़ौफ़ सा तब फिर  ……… हमारे मन में समा रहा था ,
कि कहीं तेरे दरवाज़े पर , कोई और तो नहीं आकर   ……… अपना डेरा जमा रहा था  ।
बार-बार तेरे दरवाज़े पर हम ………… कल रात फिर दस्तक देने आए   ……….

तेरा दरवाज़ा था बहुत मज़बूत ………… कि उसको तोड़ भी ना हम पाए  ,
बस दूर से ही करके नज़ारा  ……… उसकी छाँव में हम थोड़ी देर बैठ आए  ।
मगर जाते-जाते तेरे लिए वहाँ पर ……… अपने नाम के कुछ चिन्ह छोड़ आए ,
ताकि जब भी खोलेगा तू उस दरवाज़े को  ……… तब उन चिन्हों को देख कर खुद ~ ब ~ खुद मुस्कुराए  ।
बार-बार तेरे दरवाज़े पर हम ………… कल रात फिर दस्तक देने आए   ……….

हर बार ये दिल कहता था ………… कि चल लौट चल यहाँ से वापस  ,
ऐसी दस्तकों की होती नहीं है  ……… यहाँ पर कोई भी हिमाकत  ।
मगर फिर लौट कर वापस , हम फिर से  ……… दुबारा तुझे खोज़ने क्यूँ आए ?
ऐसा क्या था बाकी , जो रह गया था   ……… उस दरवाज़े के तले , वहाँ पर हाय  ।
बार-बार तेरे दरवाज़े पर हम ………… कल रात फिर दस्तक देने आए   ……….

तेरा दिल है बहुत भोला इसलिए ………… उसकी चाहतों से अब डर लगता है  ,
क्योंकि हमारे दिल को अपने संग मिलाने की ……… रोज़ वो ज़िद करता है ।
उसी भोलेपन का तेरे , कल रात हम थे  ……… तेरा इम्तिहान लेने आए ,
अपने दिल को सँभाल कर तेरे  ……… दिल की किताब को पढ़ने आए ।।

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