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Thursday, March 5, 2015

World Environment Day

This Hindi poem on World Environment Day, 5 June, warns us that if we do not stop pollution and deforesting soon, we will not be able to produce any food.
mountain-flower-green
A Poem – World Environment Day-2013

एक दिन ऐसा आएगा …….जब मानव ….मानव को खाएगा ,
पेड़ो की यादों से हमको ………नई सीख देता जाएगा ।

जब रहेगी नहीं ……यहाँ हरियाली ,
जब बचेगी नहीं ……खेतों में …..गेहूँ की बाली ,
तो कैसे वो भोजन पकाएगा ?
और तब मानव ……..मानव को ही खा जाएगा ।

एक दिन ऐसा आएगा …….जब मानव ….मानव को खाएगा ,
लुप्त होते हुए पंछियों को …….Museum में सजा जाएगा ।
जब रहेंगे नहीं …….पेड़ हमारे ,
तब कैसे पंछी उन पर …….अपना डेरा डालें ?

तब पंछियों को भी …..ये काल ले जाएगा ,
और तब मानव ……..मानव को ही खा जाएगा ।
एक दिन ऐसा आएगा …….जब मानव ….मानव को खाएगा ,
मरते हुए शेरों से ……जंगल के राजा की याद दिलाएगा ।

जब जंगल का राजा ही ……लुप्त हो जाएगा ,
तब कैसे आहार श्रृंखला …..अपना चक्र पूरा घुमाएगा ?
तब हर प्रजाति का अंत ……धीरे-धीरे हो जाएगा ,
और तब मानव ……..मानव को ही खा जाएगा ।

एक दिन ऐसा आएगा …….जब मानव ….मानव को खाएगा ,
तब Global Warming बढ़ने से …..A C को Dump कराएगा ।

जब A C वातावरण में ……एक घुटन सी भर देंगे ,
तब हर जगह Global Warming के चर्चे …….जुबां पर होंगे ,
तब पर्यावरण का …..अंत समय आ जाएगा ,
और तब मानव ……..मानव को ही खा जाएगा ।

चिंतित हैं ……..आज सभी बुद्धिजन ,
कैसे बचाएँ हम …….अपना पर्यावरण ?
कोई कहे ……नए वृक्ष लगाओ ,
कोई कहे …..जो हैं ……उन्हें बचाओ ।

मना रहे हैं …..हर साल हम ……..World Environment Day ,
ताकि जागरूक बने ……आने वाली पीढ़ीएँ ,
मगर सिर्फ कोरे कागज़ की जागरूकता काफी नहीं ,
इसलिए applicable करो ……उसमे भरके नई मंज़िलें ।

प्रण करो उन मंजिलों के ……काँटे हम हटाएँगे ,
अपने “Environment Day” पर उसमे ……नए फूल हम लगाएँगे ,
हो सकेगा तो खुद को ……इतना मज़बूत हम बनाएँगे ,
कि पहले की तरह ही “Nature” में जीना …….फिर से हम अपनाएँगे ॥

A Message To All-
“पर्यावरण” में हरियाली ……..इसी बात पर दे ताली ,
जो इसको प्रदूषित करता ……उसको पड़ती है गाली ॥ 
Save Planet ………….Save Earth !!

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