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Thursday, March 5, 2015

Depression- A silent killer

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Hindi Poem – Depression- A silent killer

हर कोई डूब रहा है …..कहीं किसी कोने में ,
बढ़ती हुई रिश्तों की ….अनगिनत दूरियों में ।

एकाकी परिवार हो रहे हैं …..आजकल शहरों में ,
जहाँ बच्चे भी असफल हो रहे हैं …..अपने सपने संजोने में ।

तन्हाईयाँ बढ़ने लगती हैं जब …..जीवन के इस कोने में ,
तब Depression घर कर लेता है …….इस उम्र के बिछौने में ।

छोटे-छोटे कमरों की ….चारदीवारी के साए में ,
एक रोशनदान और खिड़की ही बचती है ……..अब फ़िज़ायों में ।

माँ-बाप को Depression है ……..अपनी संतान के भविष्य को सच करने में  ,
संतान डूब रही है ……..अपने माँ-बाप के सपनो को पूरा करने में ।

बुजुर्गों को Depression होता है …….किसी का साथ ना पाने से ,
और वातावरण प्रदूषित हो रहा है ……इस Depression के काले साए से ।

पहले ये शब्द कभी किसी एक आध की ……जुबां का मोहताज़ था ,
परन्तु अब तो हर दूसरे व्यक्ति के सर पर ……Depression होने का ताज़ है ।

सरकार भी अपील करने लगी है ……कि Depression से मुक्त रहो ,
क्या करे वो बेचारी ……जब उसके ही मंत्री इसका फल भुगत रहे ।

Depression होने पर ……कोई अज्ञातवास में डूबा चला जाता है ,
और कोई उसे कम करने के लिए ……..नशे को गले लगाता है ।

कोई खा-खा कर Tablets …….अपने Depression के गीत गाता है ,
तो कोई Status Symbol के लिए ……खुद को Depress पाता है ।

छोटे-छोटे बच्चे अपने Exam की Tension से …..Depress हो जाते हैं ,
और महिलाएँ रोज़ की एक तरफा ज़िन्दगी के चलते …….इसे झेलने की आपबीती सुनाती हैं ।

कारण चाहे जो भी ही ……परन्तु Depression आजकल बन गया ………एक नयी बीमारी है ,
जिसका मूलभूत कारण …….शहरों की संकुचित होती …….जीवन जीने की एक नयी तयारी है ।

जब जिंदगी एक मशीन की भाँति ……सिर्फ एक धुरी पर घूमती जाएगी ,
तब Depression की बात हमारे मन में …….खुद~ब ~खुद घर कर जाएगी ।

इसलिए जरूरी है अब ……खुली हवायों में साँस लेना ,
अपनी रोबोट नुमा जिंदगी को ……एक मानव होने की पहचान देना ।

वरना बहुत जल्द ही ये संसार Depress होकर …….शून्य में चला जाएगा ,
और फिर से मानव …..अपने विलीन होते अंश को ……ढूँढने में जुट जाएगा ।।

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