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Thursday, March 5, 2015

A Special Friend

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sad-teenager-girl
Hindi Poem on unrequited love – A Special Friend

उसे शौक था कि कोई इंतज़ार करे उसका ,
हम उसके हर शौक का इम्तिहान देते रहे ,
वो जब चला जाता था इंतज़ार करके ,
हम तब उसके इंतज़ार में अपने इंतज़ार को हवा देते रहे ।

वो समझता था कि इस तरह से तोड़ देगा हमारे सब्र को ,
हम अपने सब्र से उसके सब्र को खता देते रहे ,
वो छह घंटे इंतज़ार करके चला जाता था ,
हम बाकी के अठाराह घंटे उसके लिए राह तकते रहे ।

हर नाउमीदी पर जब दिल को ठेस लगती थी ,
हम तब उस ठेस पर अपने ज़ख्मो को और सेते रहे ,
उसने खाई थी गर कसम दर्द देने की ….
तो हम भी उस दर्द में अपनी वफाओं को गश्त देते रहे ।

वो कहता था कि मस्त रहो अपने ख्यालों में ,
उसे क्या पता कि हर मस्ती में …..हम उसके साथ का सच लेते रहे ,
वो बड़ा ज़ुल्म करने चला था …..हम पर ए “ग़ालिब “,
हम उसके ज़ुल्म से भी …..अपनी सोच को ……एक नई गति देते रहे ।

उसने छीन लिया अपने तक पहुँचने का ….हर ज़रिया हमसे ,
हम फिर भी दीवानों की तरह उसको समझते रहे ,
उसके सच और झूठ का …कोई सबूत नहीं था हमारे पास ,
हम फिर भी उसकी नीयत पर …दिलफेंक हँसी हँसते रहे ।

दिल~ओ~दिमाग में वो बस गया …..एक ऐसी चिंगारी बनके ,
कि बारूद भी अब फटने लगा ….उसके नाम का कलमा लिखके ,
शबे रात गुज़र गई …..ये सोचकर मेरे “ग़ालिब “,
कि क्यूँ आया था वो इस तरह ….मेरे जीवन में मेहमान बनके ।

वो कहता है …..उसे इंतज़ार नहीं था …..कल रात मेरा ,
वो फिर भी पूछता है ……मेरे ना आने का कारण …..सवाल लिखके,
उसकी इसी अदा के तो ……कायल हो गए हम शायद ,
कि वो कितना भी बदल जाए ….फिर भी सोचता है हमारे लिए …..”दोस्त” बनके ।

For You Only-
गम ये नहीं है आज भी ….कि तेरा इंतज़ार क्यूँ किया ,
गम ये रहेगा सदा ….कि तेरा इंतज़ार इतना कम क्यूँ किया ?

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