A Loveable Countdown: A lover is telling to her boyfriend that though
he is counting seconds to meet her, she can’t come to him. Hindi love
poem on romantic meeting of two lovers
इम्तिहान अपने इश्क का ….देने में हम नाकाम हुए ,
वो Countdown करता रहा ….हर Countdown में हम फना हुए ।
उसे हो रही थी चाहत …..अपनी और तपिश बढ़ाने की ,
हमें फ़िक्र थी तो बस ….अपनी हस्ती को बेदाग़ बनाने की ।
जूनून ~ए~आग का एक ऐसा मंज़र ….हम दोनों के बीच खड़ा था ,
हम दिल~ओ~दिमाग के भँवर में फँसे थे …..और वो बस गिनती पढ़ रहा था ।
खेल ये कैसा ……एक अजब और निराला था ,
जिसे खेलने की चाहत में …..हमारा दिल भी दे रहा एक हवाला था ।
डर और घबराहट से चेहरा …..फीका सा पड़ने लगा था ,
हाँ हमें चाहत थी उसकी …..ऐसा सोच डरने लगा था ।
न जाने क्यूँ हम उसकी बेताबी को …..बेताब करने पर तुले थे ,
अपनी तरफ से हर कामयाब कोशिश …..करने में जुटे थे ।
मगर उसका दिल तो चाहत की ……एक आखिरी सीढ़ी पर चढ़ गया था ,
हमारी मजबूरी वो समझ कर भी …..अनजान बन रहा था ।
कश्म~ओ~कश के बीच फँसे …..हम यूँही समय बर्बाद करते रहे ,
वो बार-बार हमें बहलाता रहा …..मगर हम अपनी बात पर बस अडिग रहे ।
उसके ताप की बढ़ती तपिश ……हमारा और ताप बढ़ाने लगी ,
वो चला गया …..हाँ चला गया …..और हमें ठन्डे पानी से …..अपनी प्यास बुझानी पड़ी ।
वो हमारे इश्क का कसूर नहीं …….वो एक ऐसा जलजला आया था ,
जिसमे गर हम जल जाते ……तो उस जलती आग की …..लपटों में हमारा साया था ।
आज हमें अफ़सोस है ……अपने उस नाकामयाब इश्क का ,
मगर नाकामयाबी के बाद भी …..दिल पढ़ता है कलमा उसी की जीत का ।
हो सके तो हमें माफ़ कर देना ……..ओ मेरे दिल~ओ ~जानेजाना ,
तुम्हारे Countdown को निभाने आएँगे किसी रोज़ ……जब न होगा हमारे पास बनाने को कोई बहाना ॥
इम्तिहान अपने इश्क का ….देने में हम नाकाम हुए ,
वो Countdown करता रहा ….हर Countdown में हम फना हुए ।
उसे हो रही थी चाहत …..अपनी और तपिश बढ़ाने की ,
हमें फ़िक्र थी तो बस ….अपनी हस्ती को बेदाग़ बनाने की ।
जूनून ~ए~आग का एक ऐसा मंज़र ….हम दोनों के बीच खड़ा था ,
हम दिल~ओ~दिमाग के भँवर में फँसे थे …..और वो बस गिनती पढ़ रहा था ।
खेल ये कैसा ……एक अजब और निराला था ,
जिसे खेलने की चाहत में …..हमारा दिल भी दे रहा एक हवाला था ।
डर और घबराहट से चेहरा …..फीका सा पड़ने लगा था ,
हाँ हमें चाहत थी उसकी …..ऐसा सोच डरने लगा था ।
न जाने क्यूँ हम उसकी बेताबी को …..बेताब करने पर तुले थे ,
अपनी तरफ से हर कामयाब कोशिश …..करने में जुटे थे ।
मगर उसका दिल तो चाहत की ……एक आखिरी सीढ़ी पर चढ़ गया था ,
हमारी मजबूरी वो समझ कर भी …..अनजान बन रहा था ।
कश्म~ओ~कश के बीच फँसे …..हम यूँही समय बर्बाद करते रहे ,
वो बार-बार हमें बहलाता रहा …..मगर हम अपनी बात पर बस अडिग रहे ।
उसके ताप की बढ़ती तपिश ……हमारा और ताप बढ़ाने लगी ,
वो चला गया …..हाँ चला गया …..और हमें ठन्डे पानी से …..अपनी प्यास बुझानी पड़ी ।
वो हमारे इश्क का कसूर नहीं …….वो एक ऐसा जलजला आया था ,
जिसमे गर हम जल जाते ……तो उस जलती आग की …..लपटों में हमारा साया था ।
आज हमें अफ़सोस है ……अपने उस नाकामयाब इश्क का ,
मगर नाकामयाबी के बाद भी …..दिल पढ़ता है कलमा उसी की जीत का ।
हो सके तो हमें माफ़ कर देना ……..ओ मेरे दिल~ओ ~जानेजाना ,
तुम्हारे Countdown को निभाने आएँगे किसी रोज़ ……जब न होगा हमारे पास बनाने को कोई बहाना ॥
For You Only-
तुम हर सेकंड को …..एक यादगार लम्हा बनाने पर तुले थे ,
मगर तुम्हारे Countdown में ….मेरे सपनो के मोती …..एक माला में पिरे हुए थे ॥
मगर तुम्हारे Countdown में ….मेरे सपनो के मोती …..एक माला में पिरे हुए थे ॥
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