This Hindi poem highlights the fantastic scene of two Lovers where they were involved in a video chat and the beloved is taking a lot of fresh water in front of His company. Seeing a bit nervous ,the Lover tried to make Her comfortable and in a smiling tone He assumed that water bottle as a liquor one and State the first two lines for Her.
होती जो ये बोतल शराब की ,
तुम पीते वहाँ …… चढ़ती यहाँ ।
होते जो ये नयन खुमार के ,
तुम तकते वहाँ …… बंद होते यहाँ ।
तुम पीते वहाँ …… चढ़ती यहाँ ।
होते जो ये नयन खुमार के ,
तुम तकते वहाँ …… बंद होते यहाँ ।
बहुत ज्यादा नशा है तुम मेँ ,
कोई डूब ही जाए ,
बिना देखे ……… बिना छुए ,
तुम्हे खुद चूम ही जाए ।
कोई डूब ही जाए ,
बिना देखे ……… बिना छुए ,
तुम्हे खुद चूम ही जाए ।
होते जो ये लब प्यास के ,
सूखे वहाँ …… भीगे यहाँ ।
होती जो ये बोतल शराब की ,
तुम पीते वहाँ …… चढ़ती यहाँ ।
सूखे वहाँ …… भीगे यहाँ ।
होती जो ये बोतल शराब की ,
तुम पीते वहाँ …… चढ़ती यहाँ ।
बातों से अपनी गिरा ,
तुमने मार ही डाला ,
इन दो पलों में देखो ,
एक नया संसार रच डाला ।
तुमने मार ही डाला ,
इन दो पलों में देखो ,
एक नया संसार रच डाला ।
होती जो ये बातें पहलू में मेरे ,
सुनते वहाँ …… गिरते यहाँ ।
होती जो ये बोतल शराब की ,
तुम पीते वहाँ …… चढ़ती यहाँ ।
सुनते वहाँ …… गिरते यहाँ ।
होती जो ये बोतल शराब की ,
तुम पीते वहाँ …… चढ़ती यहाँ ।
दीवाना कर दिया तुमने ,
मैं रात भर जागा ,
तेरे नशे को पाने की ,
चाहत में फिर भागा ।
मैं रात भर जागा ,
तेरे नशे को पाने की ,
चाहत में फिर भागा ।
होती जो संगत तेरे साथ की,
लिपटते वहाँ …… गिरते यहाँ ।
होती जो ये बोतल शराब की ,
तुम पीते वहाँ …… चढ़ती यहाँ ।
लिपटते वहाँ …… गिरते यहाँ ।
होती जो ये बोतल शराब की ,
तुम पीते वहाँ …… चढ़ती यहाँ ।
आँखों में मेरे बसकर तुमने ,
एक शोला सा भर दिया ।
खुद की तपन मिटाने को ,
एक झोंका हवा का दिया ।
एक शोला सा भर दिया ।
खुद की तपन मिटाने को ,
एक झोंका हवा का दिया ।
होते तुम जो मेरे सनम ,
सँभलते वहाँ ……… थकते यहाँ ।
होती जो ये बोतल शराब की ,
तुम पीते वहाँ …… चढ़ती यहाँ ।
सँभलते वहाँ ……… थकते यहाँ ।
होती जो ये बोतल शराब की ,
तुम पीते वहाँ …… चढ़ती यहाँ ।
सपनों में रोज़ आकर तुमने ,
सपनों में दर्द दिया ।
हौले-हौले से मेरे तन को ,
अपने दामन से ढँक दिया ।
सपनों में दर्द दिया ।
हौले-हौले से मेरे तन को ,
अपने दामन से ढँक दिया ।
होते जो ये सपने सच सनम ,
उड़ते वहाँ ……… पकड़ते यहाँ ।
होती जो ये बोतल शराब की ,
तुम पीते वहाँ …… चढ़ती यहाँ ।
उड़ते वहाँ ……… पकड़ते यहाँ ।
होती जो ये बोतल शराब की ,
तुम पीते वहाँ …… चढ़ती यहाँ ।
जी चाहता है कि सौंप दूँ ,
तुम्हे अपना ये तन और मन ।
जी भर के इसको चखना तुम ,
जब तक मिटे ना तुम्हारी अगन ।
तुम्हे अपना ये तन और मन ।
जी भर के इसको चखना तुम ,
जब तक मिटे ना तुम्हारी अगन ।
होते जो मेरे हबीब तुम ,
बहकते वहाँ ……… बुझते यहाँ ।
होती जो ये बोतल शराब की ,
तुम पीते वहाँ …… चढ़ती यहाँ ।
बहकते वहाँ ……… बुझते यहाँ ।
होती जो ये बोतल शराब की ,
तुम पीते वहाँ …… चढ़ती यहाँ ।
कामुकता से भरी हो तुम ,
ये बात जान लो ।
मानो गर ना मेरी बात ,
तो खुद की ख़ाक छान लो ।
ये बात जान लो ।
मानो गर ना मेरी बात ,
तो खुद की ख़ाक छान लो ।
होते जो इस वक़्त कामुक मेरे भी अंग ,
तरसते वहाँ ……… बरसते यहाँ ।
होती जो ये बोतल शराब की ,
तुम पीते वहाँ …… चढ़ती यहाँ ।।
तरसते वहाँ ……… बरसते यहाँ ।
होती जो ये बोतल शराब की ,
तुम पीते वहाँ …… चढ़ती यहाँ ।।
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