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Friday, May 29, 2015

Har Baar Ye Dil

This Hindi poem highlights the pain of a beloved, in which she wants to reunite with her Lover but due to some circumstances, she curses Him too to go away from her Life.
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Love Hindi Poem – Har Baar Ye Dil
हर बार ये दिल………. तेरे पास आने की दुआ माँगे ,
फिर उसी दुआ में तुझे दूर जाने की ……… बददुआ से नवाज़े ।
ये किस भँवर में दिल ने मुझे लाकर ……….  है छोड़ दिया ,
जिसमे खड़ी मैं दुआ और बददुआ  ………. को तोलती कहीं ।
हर बार ये दिल………. तेरे साथ की ख्वाइश माँगे ,
फिर उसी ख्वाइश में तुझे सपने की ……… एक किस्मत से तराशे ।
तेरे साथ में ढूँढती हूँ मैं  ………. अक्सर कई रंगीन सपने ,
जिसमे होती है एक प्यास  ……पाने की कुछ अनगिनत लम्हे ।
हर बार ये दिल………. तेरे साथ की तलब माँगे ,
फिर उसी तलब में तुझे छोड़ जाने की ……… एक तड़प से दूर भागे ।
बहुत प्यारा सा होता है अक्सर  …………वो हम दोनों का मिलन ,
एक ओर जिसमे कशिश होती है  ……… और दूजी ओर होती है एक तपन ।
हर बार ये दिल………. तेरे साथ की तपन को माँगे ,
फिर उसी तपन में तुझे जल जाने की ……… सज़ा से बाँधे ।
तेरा वो आँखों का मिलना …………और लबों का इशारा ,
मुझे मदहोश करता है ……… तेरा वो मचलने का नज़ारा ।
हर बार ये दिल………. तेरे मचलने पर बच के भागे ,
फिर उसी भागी हुई लगन से तुझे ……… और दूर जाने की शर्तों से बाँधे ।
तूने ये कैसी कहानी बना दी है अपनी  ………. ओ मेरे यारा ,
जिसको लिखते-लिखते अब तो कहीं  ………. मेरा जिस्म भी है हारा ।
हर बार ये दिल  तेरे आगे हार के ………. और भी जीते ,
फिर उसी जीत से तुझे फिर से हराने की तड़प से ……… खुद को सींचे ।
हम जानते हैं कि अपना ये मिलन सदा यूँ ही  ………. दफन होकर के जिएगा ,
ना इसमें तेरा कोई दर्द होगा  ………. और ना मेरा कोई दर्द ही दिखेगा ।
हर बार ये दिल उसी दर्द की दवा ………. तुझसे माँगे ,
फिर उसी दवा को तुझे उसे ज़हर में बदलने की ……… चाहत से नवाज़े ॥

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