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Thursday, March 5, 2015

Mobile- In Style

This Hindi poem highlights the carelessness of the youngsters in which they used their earphone on the roads and met with an accident due to that.

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Hindi Poem – Mobile- In Style

हाथों में थामकर ……..नए Mobile की शान ,
चल दिए सड़क पर …….सुनने किसी फ़िल्मी धुन का गान ।

अपनी ही मस्ती में डूबे …….कानों में लीड को ठूंसे ,
चल रहे बीच सड़क पर ……इस नयी पीढ़ी के युवा तमाम ।

गानों की मस्ती ऐसी झूमी ……तनमन में एक बेचैनी घूमी ,
शोर न उनको दिया सुनाई …..बीच सड़क पर जब ब्रेक लगाई ।

अपनी मस्ती में डूबे दीवाने …..अलगाव हुए परिवारों के सयाने ,
अपना दिल वो ऐसे बहलाते …….खुद ही खुद में …..यूँ खो जाते ।

जान अपनी दाँव पर लगाकर …. थोड़ी देर की खुशियाँ पाकर ,
ना सिर्फ वो ट्रैफिक को भ्रमित करते ….बल्कि नई तकनीक की भर्त्सना रचते ।

विज्ञान जिसे लाया एक आविष्कार बनाकर ……कर दिया उसे अब एक अभिशाप दिखाकर ,
हर पाँच में से दो के लिए जब ……करना पड़ा अंतिम संस्कार …..शमशान में जाकर ।

पीछे छूट गए अब उनके परिवार वाले ……जो रो रहे अब अपनी किस्मत को हारे ,
सोच रहे बड़ी गूढता से… कि क्यों Mobile किया उनके हवाले ?

पहले भी होते थे यही युवा …..जो बिन Gadget के चले सदा ,
अपना सीना ऐसे ताने …….. जैसे तूफानों में सैनिक दीवाने ।

पर अब तो जैसे इन सबके बिना ……युवा हैं बिन कपड़ो के बिना ,
Mobile की ऐसी लत है उनको लागी ……कि बच्चा-बच्चा अब जाता है …..Mobile संग लेने भाजी ।

पर इसका सही उपयोग ….. करना है हम सभी को,
रास्ते में मत उठाओ उसे …..जब भी बजे वो कुछ कहने को ।

अपनी इन्द्रियों को अपनी इच्छायों पर ……कभी हावी न होने देना ,
क्योंकि इच्छाएँ गर ख्वाब हैं …..तो इन्द्रियाँ को उन ख़्वाबों की …..सच्चाई समझ लेना ।

और जहाँ सच्चाई साथ चलेगी …..वहाँ सपने तंग से होंगे
मगर उन सपनो में ……खुशियों के रंग ही होंगे ।

ये सन्देश है उन सभी के लिए …..जो सड़क पर Mobile का उपयोग करते हैं ,
कुछ कहने ….कुछ सुनने की खातिर …..अपनी जान को हाज़िर करते हैं ।

सोचो…. समझो …..करो विचार ……बात पते की ये है मेरे यार ,
मस्ती हो गर सोच समझ कर ….तो हर मस्ती होती स्वीकार ॥

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