This Hindi poem says that we should believe in young generation as
youths are our future and will make us proud with their work. Read this
motivational poem
“कुछ करके दिखायो” ……..”कुछ करके दिखायो” ,
ये जीवन मिला है……..इसमें नए सपने सजायो ।
हम आए हैं यहाँ ……न अपनी मर्ज़ी से ,
फिर कैसे चले जाएँ ……..खुद की खुदगर्जी से ?
बहुत कुछ है देने को ……इस समाज को ,
बहुत कुछ है लेने को ……इस समाज से ।
इस मनुष्य योनि में ……अपनी पहचान बनायो ,
जो भी मिला है …..उसे औरों के संग बाँटते जायो ।
पैदा होने पर ……माँ-बाप सोचा करते हैं ,
हाँ यही करेगा ……..हमारा नाम रोशन ।
पीड़ी दर पीड़ी चलेगी …..ये कहानी ,
कि करके दिखायो तुम भी …….अपने खून को गरम ।
रोज़ कहते हैं सभी ………कि दम है तो सामने आयो ,
ताकत से नहीं ……अपने दिमाग से …..कुछ खेल जाओ ।
आज जो मेहनत करेगा ………वो कल मीठा फल चखेगा ,
जो लड़खड़ा गया पहले कदम पर …….वो उम्र भर फिर चल न सकेगा ।
हर पल-पल में छिपी है ……एक ज्ञान की लम्बी दास्तां ,
उस दास्तां में डूबते जाओ ……..और तय करो अपना रास्ता ।
बहुत से विद्यार्थी हार जाते हैं …..चलकर कुछ कदम ,
टूट जाते हैं वो अक्सर ……कहते हैं हममे नहीं है दम ।
हौसले अपने हो बुलंद …..तो हार में भी जीत है ,
ज़ज्बा है कुछ करने का ……तो हर घड़ी में प्रीत है ।
रोज़ इन शब्दों को सुनकर …..मन अब भरने सा लगा है ,
“कुछ करके दिखायो” ऐसे कटाक्षों से …….ये जिस्म भी अब डरने लगा है ।
इल्तजा इतनी है समाज से ……..कि हमें भी सोचने का ….एक मौक़ा तो दो ,
हाँ दिखाएँगे करके हम भी कुछ …..थोडा सब्र करना तुम भी सीख लो ।
करके हम भी दिखाएँगे …..इस युग में चमत्कार ,
मत कहो “कुछ करके दिखायो “…….नहीं हैं हम इतने भी बेकार ॥
“कुछ करके दिखायो” ……..”कुछ करके दिखायो” ,
ये जीवन मिला है……..इसमें नए सपने सजायो ।
हम आए हैं यहाँ ……न अपनी मर्ज़ी से ,
फिर कैसे चले जाएँ ……..खुद की खुदगर्जी से ?
बहुत कुछ है देने को ……इस समाज को ,
बहुत कुछ है लेने को ……इस समाज से ।
इस मनुष्य योनि में ……अपनी पहचान बनायो ,
जो भी मिला है …..उसे औरों के संग बाँटते जायो ।
पैदा होने पर ……माँ-बाप सोचा करते हैं ,
हाँ यही करेगा ……..हमारा नाम रोशन ।
पीड़ी दर पीड़ी चलेगी …..ये कहानी ,
कि करके दिखायो तुम भी …….अपने खून को गरम ।
रोज़ कहते हैं सभी ………कि दम है तो सामने आयो ,
ताकत से नहीं ……अपने दिमाग से …..कुछ खेल जाओ ।
आज जो मेहनत करेगा ………वो कल मीठा फल चखेगा ,
जो लड़खड़ा गया पहले कदम पर …….वो उम्र भर फिर चल न सकेगा ।
हर पल-पल में छिपी है ……एक ज्ञान की लम्बी दास्तां ,
उस दास्तां में डूबते जाओ ……..और तय करो अपना रास्ता ।
बहुत से विद्यार्थी हार जाते हैं …..चलकर कुछ कदम ,
टूट जाते हैं वो अक्सर ……कहते हैं हममे नहीं है दम ।
हौसले अपने हो बुलंद …..तो हार में भी जीत है ,
ज़ज्बा है कुछ करने का ……तो हर घड़ी में प्रीत है ।
रोज़ इन शब्दों को सुनकर …..मन अब भरने सा लगा है ,
“कुछ करके दिखायो” ऐसे कटाक्षों से …….ये जिस्म भी अब डरने लगा है ।
इल्तजा इतनी है समाज से ……..कि हमें भी सोचने का ….एक मौक़ा तो दो ,
हाँ दिखाएँगे करके हम भी कुछ …..थोडा सब्र करना तुम भी सीख लो ।
करके हम भी दिखाएँगे …..इस युग में चमत्कार ,
मत कहो “कुछ करके दिखायो “…….नहीं हैं हम इतने भी बेकार ॥
A Message To All-
मत करो हतोत्साहित अपने शब्दों से ……आने वाली नयी पीढ़ी को ,
वो भी करेंगे कुछ ऐसा एक दिन…. जिसे देखेगा ज़माना ….पकड़ती हुई नयी सीढ़ी को ॥
वो भी करेंगे कुछ ऐसा एक दिन…. जिसे देखेगा ज़माना ….पकड़ती हुई नयी सीढ़ी को ॥
No comments:
Post a Comment