समझा एक लेखक को …..एक दूसरे लेखक ने कुछ इस तरह,
कि चार दिन में पढ़ गया ,वो मेरे चेहरे के भावों को हर तरह ।
जैसे एक मंत्री जानता है ….. दूसरे मंत्री की सियासत को ,
एक अध्यापक जानता है …..दूसरे अध्यापक के ज़ज्बातों को ।
एक डॉक्टर से पूछो ……..दूसरे डॉक्टर के हाल~ए ~दिल का फ़साना ,
एक वैज्ञानिक ही बता सकता है …कि क्या सोचा दूसरे वैज्ञानिक ने अपनी खोज से ….. हमें सीखाना ?
दो Professionals में तकरार …..अक्सर हुआ करती है ,
लेकिन दो Professionals का ज्ञान अगर आपस में मिल जाए, तो अतिश्योक्ति है ।
उसने Professional होकर भी ….. मुझे सीढ़ी पर कदम रखना सिखाया ,
मेरे अन्दर की छुपी हुई प्रतिभा को ……..एक मंच पर पेश करने का सलीका बताया ।
बिना लोभ ……बिना मोह के ……वो मेरे काम को सराहने लगा ,
एक नया विश्वास दिलाते हुए ……..वो मेरे ह्रदय में समाने लगा ।
मैं खुद को ऊंचा उठाने की ……” चाह” तक भी भूल गयी ,
उसके नेक ख्यालों से प्रभावित हो …..उसकी अच्छाइयों में डूब गयी ।
कि एक Professional अपने क्षेत्र का ही …..नए Professional में आत्मविश्वास जगाने का यदि काम करे ,
तो नयी पीढ़ी का हौसला दिन~ब ~दिन ……दिन-दूनी, रात-चौगनी प्रगति करे ।
Professionalism की यही तो …….असली पहचान होती है ,
जब “प्रतिभा” के साथ ….. “व्यक्तित्व” की भी पेशकश होती है ।
ऐसे Professional को हम तहे दिल से ……सम्मानित करते हैं ,
जो अपने अनुभवों को पेश कर ……आनेवालों के दिलों में विश्वास भरते हैं ।
वो मेरे लेख को बिना पढ़े ही ……..मुझे पढ़ गया ,
यही तो कलाकारी थी उसमे ……जो वो मेरी लेखनी को समझ गया ।
ईर्ष्या का भाव अगर त्याग दें ……यूँ दो Professionals ,
तो अपने Profession को ले जाएँ सबसे आगे ………..करके Confidential .
A Message To All-
Never Demoralize the young talents of your own Profession,
You are the superior one …..but they can be superior with your Motivation.
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