Pages

Tuesday, October 23, 2018

वो चुराने लगा

Related image

















वो चुराने लगा  .........  मेरे लबों की लाली ,
मैं लाली बचाते-बचाते  ...  बदनाम हो गई | 

वो चुराने लगा  ...... मेरे जिस्म की खुशबू ,
मैं खुशबू संभालते-संभालते  .... सरे ~ ए ~ आम हो गई |  

वो पाना चाहता था  ..... जिस भूख को मुझमे ,
मैं उस भूख की राह को पाकर  ........ गुलिस्ताँ हो गई | 

वो एक बार कहता तो सही  ..... अपनी दिल ~ ए ~ आरज़ू को ,
मैं उस आरज़ू की शाख पर  .....  फना हो गई | 

गम ~ ए ~ मंज़र इतना ही सही  ....... उसकी चाहत के आगे ,
कि "काश वो मिला होता पहले" , तो ये जिस्म और जान उसकी अदब में  ...... कब की हवा बन गई || 

No comments:

Post a Comment