Pages

Wednesday, August 2, 2017

मैं ज़ख्म से नहीं



तूने कद्र जो मेरी की होती   ..... सिर्फ इशारा ही बयाँ करती, 
मैं ज़ख्म से नहीं  .... उसकी टीस से डरा करती हूँ  |

No comments:

Post a Comment