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Saturday, August 11, 2018

तुम्हे पढ़ते-पढ़ते

तुम्हे पढ़ते-पढ़ते अब तुम  ........ शीशे में नज़र आते हो ,
हाथ कहाँ है ये जाने बिना  ... उसके स्पर्श से दिल में समाते हो || 

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