चढो -चढो खूब चढो ,
ये बकरी बेजुबानी है ,
हिन्दुस्तानी इतिहास में फिर से ....
मुल्लो ने लिखी कहानी है |
ये कुछ ना कहेगी .... ये यूँ ही सहेगी ,
इसके भोग में एक जवानी है ,
हिन्दुस्तानी इतिहास में फिर से ....
मुल्लो ने लिखी कहानी है |
कन्या दर अब घटने लगा है ,
भेड - बकरी पर मर्द जो चढने लगा है ,
क्या खुदा और क्या कुरान ,
सब बन गए अब पानी है ,
हिन्दुस्तानी इतिहास में फिर से .....
मुल्लो ने लिखी कहानी है ||
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