शायराना सी मोहब्बत है मेरी .... कबूल करो मेरे लिखे हुए कुछ "अशर" ,
मैं इस काबिल तो नहीं कि दे सकूँ सुकून तुम्हे ..... बस लिखा है वही जिसका हो तुमपर हर पल असर ||
मैं इस काबिल तो नहीं कि दे सकूँ सुकून तुम्हे ..... बस लिखा है वही जिसका हो तुमपर हर पल असर ||
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