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Thursday, March 5, 2015

Rejection Of A Cajole


Walkers' Feet - Man Woman Walking
Hindi Poem on Love – Rejection Of A Cajole

तुमसे करता हूँ मैं इतना प्यार,
आज करने चला हूँ इकरार ,
ना माँ माने ,
ना रब माने ,
ना माने ये संसार ,
चल भाग चलें ।

ये उम्र बहुत है नशीली ,
कैसे सह लें ये दूरी ?
ना बाप माने ,
ना खुदा  माने ,
ना माने मेरा यार ,
चल भाग चलें ।

तुम्हे दिल देकर ये जाना ,
कि इश्क होता है दीवाना
ना सास माने ,
ना  पड़ोसी माने ,
ना जाने कोई मेरा प्यार ,
चल भाग चलें ।

मुझे रहना ना अब तुझ बिन ,
इस बादल और बिजली बिन ,
ना ससुर माने ,
ना समाज माने ,
ना माने पंडितों के विचार ,
चल भाग चलें ।

मेरे इश्क की तू शहजादी ,
चल कर लें दोनों शादी ,
ना मंदिर माने ,
ना  मस्जिद माने ,
ना माने ये गुरुद्वार  ,
चल भाग चलें ।

तेरी उम्र है सोलह साल ,
तेरे गोरे -गोरे गाल ,
ना मेरा दिल माने ,
ना ये धड़कन माने ,
ना माने ये ज़ज्बात ,
चल भाग चलें ।

कब तक रहेगी ये दूरी ?
मन की अभिलाषा अधूरी ,
ना ये उम्र माने ,
ना  ये कसम माने ,
ना माने सुर और ताल ,
चल भाग चलें ।

मैं तेरे इश्क का हूँ देख राँझा ,
जैसे कटी पतंग बिन मांजा ,
ना ये आकाश माने ,
ना ये पाताल माने ,
ना माने आने वाला भूचाल ,
चल भाग चलें ।

तू कर ले मुझपे भरोसा ,
तू है मेरा मीठा तोशा ,
ना ये मिठास माने ,
ना  ये प्यास माने ,
ना माने स्वादों के स्वाद ,
चल भाग चलें ।

तू जो भाग के संग चलेगी ,
मेरी कुटिया में आ तू बसेगी ,
तो मेरा प्यार जागे ,
ये उम्मीद जागे ,
जागेंगे तेरे लिए ज़ज्बात ,
चल भाग चलें ।

तुमने इतनी बार पुकारा ,
हर तरह से दिल मेरे आगे हारा ,
अब सुन लो मेरा भी जवाब ,
मैं हूँ अभी कमसिन शबाब ,
मगर फिर भी मेरे जनाब ,
ना भागेंगे हम ।

तुम मुझे ना इस तरह से बहलायो ,
अपनी सोच को ज़रा बढायो ,
ना पैसा पास है ,
ना शिक्षा पाने की आस है ,
सिर्फ हैं कोरे अरमान ,
तो क्या भागेंगे हम ?

मुझको यूँ बहलाकर ,
अपने मन से मन मिलवाकार ,
जब लगने लगोगे संतुष्ट,
तब हो जायोगे कहीं लुप्त ,
इस तरह से ख्वाब द्दिखाकर ,
कहीं छोड़ दोगे ।

अभी युवावस्था की परिभाषा ,
समझो पहले सीधी अभिलाषा ,
ये कच्ची उम्र का है एहसास ,
एक मन-मानी सी प्यास ,
जिसको पूरा करने की खातिर ,
तुम जिद पर अड़े से आज ,
मगर फिर भी …..नहीं भागेंगे हम ।

ये सीख है उन सभी के लिए ,
जो सपनों को लिए …..दौड़े हैं फिरते ,
कि मत करो कभी ये अपराध ,
जिसके कारण हो जीवन बर्बाद ,
इस तरह से जागकर ……
किसी के संग भागकर ।

जवानी आई है …..जवानी आएगी ,
ये मस्ती छाई है …..यूँ ही छाएगी ,
वो बहलायेगा ……फुसलाएगा ,
मीठी बातों में यूँ फँसाएगा ,
मगर ना हम भागेंगे …..ना वो भागेगा ,
हमारा प्यार यूँ ही जागेगा ।

वक़्त को रोक के ,
मंजिल पे पहुँच के ,
कुछ वो गुनगुनाएगा ,
कुछ हम गुनगुनायेंगे ,
फिर न वो भागेगा …..न हम भागेंगे ,
और सही समय पर …..हम रिश्तों को बाँधेंगे ।

तब थोड़ा सा इंतज़ार ,
मीठा सा फल देगा ,
तब थोड़ी सी समझ ,
नासमझी को रोकेगा ,
इसलिए सब समझो …..सब जानो ,
इस उम्र के सैलाब से ….कभी हार न मानो ।।

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